गुरुवार, 12 जून 2008
हमारे कन्हैया जी (२)
विश्वस्त सूत्रों से मालूम हुआ है कि कन्हैया जी इन दिनों गोरा बनने के लिए तन-मन-धन से जुटे हैं। टीवी पर जितने भी तरह के फेयरनेस क्रीम के विग्यापन आते हैं, वह सब उनके घर में और ऑफिस में उनके ड्रावर में देखे जा सकते हैं। हालांकि फेयरनेस क्रीम का यूज करना उनके लिए कोई नई बात नहीं है, इसके पहले भी वह क्रीम यूज करते रहे हैं, लेकिन पहले मांग कर काम चलाते थे। बाद में जिनसे मांगा करते थे, उन्होंने लाना छो़ड़ दिया, क्योंकि उनके क्रीम की खपत तो बढ़ी ही थी, साथ ही अपनी क्रीम पर से उनका भरोसा भी उठने लगा था। फिर किसी ने सलाह दी कि खुद से खरीद कर क्रीम लगाने से ही क्रीम का असर आता है, सो वह तुरंत मॉल पहुंच गए और क्रीम ले आए। सुबह, दोपहर, शाम और रात सभी समय के लिए उनके पास अलग-अलग क्रीम है, जो वह लगाते हैं। शायद उनका विश्लास है कि कोई तो असर करेगी। ये गोरा बनने का भूत उन पर किस तरह सवार हुआ, इसकी जांच की तो पता चला कि हाल ही में उनके पड़ोस में तीन लड़कियां आई हैं, उन्हें ही रिझाने के लिए वह क्रीम का यूज कर रहे हैं। उनका नाम पता न होने के कारण कन्हैया जी ने उन्हें नंबर दे दिया है। नंबर १, नंबर २, नंबर ३। कंप्यूटर को भी उन्होंने घर पर इस तरह रखा है कि पड़ोसी की खिड़की कंप्यूटर चेयर पर बैठने से सामने दिखे। कंप्यूटर पर भी उन्हें मेरे सामने वाली खिड़की में...गाना सुनना आजकल खूब पसंद आ रहा है। कल तक कन्हैया जी कहते थे कि जिंदगी में कुछ नहीं रखा है, लेकिन आजकल वह अपने दोस्तों से कहते हैं कि जिंदगी में काफी रंग है, बस नजर का फेर है।
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1 टिप्पणी:
धन्य हैं आपके कन्हैय्या जी.
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