शनिवार, 25 जुलाई 2009
अच्छी श्रद्धांजलि दी है तुमने सोनिया
प्यार एक शब्द, एक लफ्ज, एक एहसास है। सागर से गहरा और पवॆतों से ऊंचा है, इसे इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए था सोनिया। हरियाणा के नरवाना जिले के सिंहवाला गांव में पिछले दिनों जो कुछ हुआ, वह भले ही खापों के अमानवीय फैसलों का नतीजा था। उनके तुगलकी फरमान से कई बार पति-पत्नी तक को भाई-बहन मानने पर मजबूर होना पड़ा है। कितने घर उजड़ गए हैं। खापों के असि्तत्व और हरियाणवी समाज में उनकी प्रासंगिकता बहस का एक अलग विषय हो सकता है, लेकिन अपने प्रेमी वेदपाल की मौत पर सोनिया की श्रद्धांजलि शायद ही कोई भूल पाए। इसे ही कहते हैं यू-टनॆ। वेदपाल और सोनिया दोनों को ही इस बात का पता होगा कि उनकी शादी इतनी आसानी से स्वीकार नहीं होगी। पूरी उम्मीद है कि दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाई होंगी। लेकिन प्रेम की इस कहानी में वेदपाल जीत गया और सोनिया ने अपनी बेवफाई का एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसे प्यार करने वाले तो शायद कभी माफ न करें। जिस रात उसका कत्ल हुआ, उस दिन वह अपनी पत्नी सोनिया को उसके घर से लाने गया था। खापों ने उसे सोनिया को ले जाने नहीं दिया और उसकी हत्या कर दी। व्यवस्था की यह अजीब विडंबना है कि व्यवस्थातन्र नाकाम रही। बहरहाल, सोनिया का अगले दिन यह बयान आया कि वेदपाल ने उससे जबरदस्ती शादी की थी। वह उसे नशे का इंजेक्शन देता था। उसे बरगला कर घर से भगा ले गया था। एक-एक झूठ ऐसा कि हर झूठ पर सोनिया के लिए बददुआएं ही निकले। किसी ने कहा, उसकी मजबूरी रही होगी। मैं कहता हूं, कौन-सी मजबूरी। अपने घरवालों को बचाने की मजबूरी, वह तो फंस ही चुके हैं, इस बयान से उनका कोई भला नहीं होने वाला। भला होगा तो उन खापों का, जिन्होंने वेदपाल की जान ली। उसी वेदपाल की जिसने उसका साथ पाने के लिए अपने जान की परवाह तक नहीं की। अच्छा सिला दिया सोनिया ने। पता नहीं ऐसे लोग प्यार के रास्ते पर आगे बढ़ते ही क्यों हैं। निभाने का जज्बा न हो, तो प्रेम की शुरुआत ही क्यों करते हैं ऐसे लोग। प्रेम में प्रेमी की जान चली गई और प्रेमिका प्रेमी को ही गलत ठहरा रही है। अच्छी श्रद्धांजलि दी है तुमने सोनिया। कम से कम इसके लिए लोग तुम्हें याद तो रखेंगे।
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5 टिप्पणियां:
इस रंग बदलती दुनिया के बारे में क्या कहूँ? घटना यदि सच है तो दुखद है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
आज लोग बहुत स्वार्थी हो गए हैं .. किसी पर विश्वास करना मुश्किल लगता है।
सही विषय चुना। सही कहा।
jannaje pe aane ki wo khaate hai kasam logo, jo khaate the jaan ki kasam yaaron!!!!
... संभव बहुत कुछ है और संभावनाएँ ?
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