शुक्रवार, 20 जुलाई 2007
देश में चाय कल्चर
कभी-कभी मैं सोचता हूं िक अगर गोरे फिरंगी इस देश में चाय कल्चर लेकर नहीं आते तो क्या होता. ? कितने बिचारे सुबह बिना इसका सुड़क्का मारे अपना गोदाम नहीं खाली कर पाते हैं....अगर चाय ने सबसे ज्यादा किसी एक खास कौम पर अपना शिकार बनाया तो वह है पत्रकार बिरादरी....इस जाति के साथ चाय का वही रिलेशन है जैसे करन जौहर और शाहरुख खान की दोस्ती....करन अगर अपनी किसी भी फिल्म का स्टैबलिशंग शॉट भी सोचते हैं तो उनके दिमाग में शाहरुख खान आइडिया आने के पहले ही घुसे ब.ब.बबैठे रहते हैं.....तो पत्रकार महोदय सुबह अगर चाय का सुड़क्का न मारें तो मीटिंग में उनको स्टोरी आईडिया ही सूझे....और आइडिए को तब और पंच िमलता है जब विल्स नेवी कट का धुआं भी घुटक लेते हैं. .....ये चाय और सिगरेट धीरे-धीरे इनकी जिंदगी में इतनी खास हो जाती है कि जिंदगी के सारे टेंशन ये इसी के साथ में सेयर करते हैं. ......अगर कैरियर के शुरुआती दौर में देखा जाय तो ऑफिस की जिस लड़की को देखकर इनके दिल का बगीचा हरा भरा रहता है, अगर वो किसी दूसरे से ज्यादा स्टोरी आइडिया डिस्कस करती है तो भाई को एड्स के रोगी से ज्यादा तकलीफ होती है. ...भाई जाता है टेंशन में लगातार चाय के साथ कई धुएं की डंडी सुलगा डालता है....इसी तरह आगे नाना प्रकार की परििस्थतियां आती हैं पर हर टेंशन का मुकाबला भाई सिगरेट और चाय रूपी मिसाइल के साथ करता है. ....सारे जमाने पर पत्रकािरता की रौब झाड़ने वाले भाई साब चाय की ठेलिया लगाने वाले वाले गणेशी भैया से औकात में ही बात करते हैं. ..जानते हैं कि इनसे पंगा लिया तो अदरक और इलाइची वाली चाय की जगह गोमती नदी का गरम पानी ही पीना पड़ेगा. ......अरविंद मिस्रा..............
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1 टिप्पणी:
फिरंगी चाय ना लाते तो हम अभी भी लस्सी एवं आम का पना पी रहे होते जो स्वास्थ्य के लिये बेहतर होता !
आज पहली बार आपके चिट्ठे पर आया एवं आपकी रचनाओं का अस्वादन किया. आप अच्छा लिखते हैं, लेकिन आपकी पोस्टिंग में बहुत समय का अंतराल है. सफल ब्लागिंग के लिये यह जरूरी है कि आप हफ्ते में कम से कम 3 पोस्टिंग करें. अधिकतर सफल चिट्ठाकार हफ्ते में 5 से अधिक पोस्ट करते हैं -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!
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