गुरुवार, 28 जून 2007
कॉलेज में राजनीति
दिनेश जी........ने स्टूडेंट्स इलेक्शन का जिक्र करके सोते शेर पर कंकड़ मार दिया है....मतलब मुझे भी इलाहाबाद युनिवॆसिटी के इलेक्शन वाले दिन याद दिला दिए हैं....इलाहाबाद में एक यहां की युनिवॆसिटी के अलावा यमुना के किनारे वाले यूईंग क्रिश्चिचयन कॉलेज का भी बड़ा नाम था, खासकर पढ़ाई के मामले में. जब ग्रेजुएशन में एडिमशन लेने जा रहा तो पिताश्री ने समझाया कि बेटे क्रिश्चिचयन कॉलेज में एडिमशन ले लो, पर मैंने उन्हें युनिवॆसिटी में एडिमशन के लिए कंविंस कर लिया......खैर..जब एडिमशन लेने जा रहे थे, तो पापा जी साथ ही थे. जैसे ही काउंटर के पास पहंचे, तो लंबी लाइन लगी थी...उपर से गर्मी भी फाड़ू थी. ..मैं लाइन में लग गया..वह भी पास ही खड़े थे. .तब तक काउंटर पर दो तीन दाड़ी वाले भाई साहब आए और बिना लाइन में लगे ही अपने कैंडीडेट का एडिम॥शन करवा दिया...टु बी कंटीन्यूड
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